नगर आयुक्त महोदय के निर्देश पर विगत दिनों वरुणापार जोन के अंतर्गत भोजुबीर चौराहे से अतुलानंद विद्यालय तक मुख्य मार्ग एवं इन मार्ग से लगे गलियों में स्थित भवनों की गृह कर के संबंध में उच्च स्तरीय जांच कराई गई। उक्त जांच में जोनल अधिकारी कर अधीक्षक एवं राजस्व निरीक्षक की टीम का गठन करते हुए मौके पर वास्तविक रुप से भवनों की पैमाइश एवं परीक्षण के साथ नजरी नक्शा भी तैयार कराया गया। उक्त क्षेत्र के सम्यक पर्यवेक्षणोपरांत तैयार किए गए डेटा से जो तस्वीर सामने आई वह अत्यंत विस्मयजनक पाई गई।
जांच में कुल सर्वेक्षित भवनों की संख्या 148 थी जिसमे 22 भवन ऐसे पाए गए जो नगर निगम कंप्यूटर डाटा में दर्ज ही नहीं थे 114 भवन ऐसे पाए गये जिनके संपूर्ण कवर्ड एरिया पर समुचित कर निर्धारण नहीं पाया गया।
जांच में सबसे चौंकाने वाला तथ्य प्रकाश में आया कि 8 भवन ऐसे पाए गए जो वर्षों से निर्मित हैं परंतु इन भवनों का नगर निगम में न तो रजिस्ट्रेशन कराया गया और ना ही भवन संख्या प्राप्त की गई है और ना ही इस पर कोई कर विवरणी दाखिल की गई है। मौके पर इन भवनों के संबंध में कोई भी स्थानीय नागरिक यह बताने में समर्थ नहीं है कि इन भवनों का स्वामी कौन है।
नगर आयुक्त महोदय के संज्ञान में आने पर उक्त भवनों पर नगर निगम अधिनियम 1959 की सुसंगत धाराओं के अंतर्गत इन 8 भवनों पर कर चोरी के एवज में जुर्माने के साथ स्वकर नियमावली की प्रभावी तिथि से एकमुश्त धनराशि की गृककर गणना करते हुए इन भवनों पर नोटिस चस्पा करने हेतु हेतु आदेशित किया गया था। उक्त आदेश के अनुपालन में जोनल अधिकारी वरुणापार जोन द्वारा नगर निगम अधिनियम 1959 की धारा-217-ख के अंतर्गत उक्त 8 भवनों पर आज नोटिस चस्पा कर दी गई है की नोटिस की निर्धारित अवधि के अंदर उनके द्वारा भवन के स्वामित्व संबंधी साक्ष्य प्रस्तुत नहीं करने की दशा में गृहकर वसूली की कार्यवाही हेतु भवन सील करते हुए जिलाधिकारी वाराणसी को यह संज्ञान में लाया जाएगा कि उक्त भवन की राजस्व विभाग से जांच कराएं कि यह घोषित संपत्तियां किसकी है।
चौंकाने वाली बात यह भी है कि इन भवनों पर विद्युत विभाग द्वारा कनेक्शन कैसे दिया गया।
इन भवनों में तीन ऐसे भवन पाए गए जिनमें एक में नर्सिंग होम दूसरे में कोचिंग संस्थान तथा तीसरे में मुख्य मार्ग पर वृहद व्यवसायिक शोरूम संचालित है।
उपरोक्त में से 112 भवन स्वामियों को परीक्षण उपरांत तैयार किए गए संशोधित गृहकर बिल भवन स्वामियों को या उद्वित करते हुए प्राप्त कराएं गए हैं कि यदि उन्हें भवन के परिमाप या श्रेणी के आगणन पर कोई आपत्ति है तो बिल प्राप्ति के 15 दिवस के अंदर अपनी आपत्ति साक्ष्यो सहित प्रस्तुत करें जिससे यथोचित गृहकर सुनिश्चित करते हुए गृहकर जमा कराए जा सके।